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Saturday 12 January 2013

" ब्रह्म चेतना , विश्व चेतना "

" ब्रह्म चेतना , विश्व चेतना "

नमो ब्रह्मन्य देवाय गो ब्राह्मण हिताय च !!
जगद्धिताय कृष्णाय गोविन्दाय नमो नम: !!

जय कश्यप, जय भृगु , जय वामन , जय परशुराम , जय शांडिल्य, जय कात्यायन , जय भारद्वाज, जय उपमन्यु , जय सांकृत , जय सावर्ण, जय अत्रि, जय अंगिरा , जय श्रीमुख शांडिल्य , जय गर्ग , जय वत्स , जय श्रीवत्स , जय चाणक्य महान !!



" विप्र वंश की अस प्रभुताई , अभय होय जो इन्हें डेराई "


हे ! ब्राह्मण श्रेष्ठ , विश्व ब्राह्मण महासंघ में आपका स्वागत है, वंदन है , अभिनन्दन है ! आपके सहयोग से हम अपने ब्राह्मण समाज में नई चेतना जागृत करने का पिपीलिका प्रयास कर रहे है , आपका अतुलनीय सहयोग हमें अपने सामूहिक लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगा , ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है !

हमारा मुख्य लक्ष्य है , ब्राह्मणों में संस्कार का प्रचार-प्रसार करना , ज्ञान की वृद्धि करना , ब्राह्मणों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर विचार - विमर्श करना आदि !
आप भी अपने अमूल्य विचार दे कर सहयोग कीजिये

धन्यवाद !!

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